मुम्बई एक मायानगरी , कहते है यह शहर कभी सोता नही अब तो यह साबित होगया है की मुम्बई सोये हुए लोगो को जगा भी रहा है । एक घटना जो मुंबई खासकर मुंबई के मुसलमानों की राष्ट्रभक्ति को उजागर करती है । एक आतंकी घटना ने जब सारे देश को हिला दिया मुंबई को छलनी कर दिया । सैकडो भारतीय व विदेशी मारे गए और कई पाकिस्तानी आतंकी भी मारे गए और एक पाकिस्तानी जिन्दा पकड़ा गया ।
हमारे मुंबई के बहादुर मुसलमानों ने उन आतंकियों की लाशो को अपने कब्रिस्तान मे दफन करने से इनकार कर दिया और जिन्दा आतंकी के पैरवी के लिए आगे आए वकील अब्बास काज़मी को प्रतिष्टित इस्लाम जिमखाना के ट्रस्टी पद से हटा दिया कारण बताया गया कि इस्लाम मे आतंक की कोई जगह नही है । आतंक की पैरवी करना इस्लाम के ख़िलाफ़ है ।
यह मुस्लिमो की राष्ट्रवादी मानसिकता काबिले तारीफ है और उन लोगो को करार तमाचा है जो मुस्लिमो की राष्ट्रीय भावना पर प्रश्नचिन्ह लगाते है । इस लिए मुंबई के मुस्लिमो को सलाम
वास्तव में यह पहल सराहनीय है और सलाम करने योग्य है . धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंसराहनीय ही कहा जायेगा.
जवाब देंहटाएंYE WAKAEE SARAAHNIYA HAI ... ANEKATA ME EKTA HI TO BHAARAT KA NAAM HAI... BADHAAYEE
जवाब देंहटाएंARSH
सही बात है। इंसानियत सबसे बड़ा धर्म है, और जिसके अंदर हैवानियत हो उससे बड़ा अधर्मी कोई नहीं।
जवाब देंहटाएंham aadmee hi bane rahen ,
जवाब देंहटाएंyahi kaafi hai......
badhai dheeru ji
यही है राष्ट्रवादी सोच, पहले राष्ट्र फिर हम
जवाब देंहटाएंयह बात उन नेताओं के कब समझ में आएगी जो आतंकियों का धर्म देख रहे है और उन्हे सजा से बचा रहे हैं. धिक्कार है उन्हे. और भारत के मुसलमान अन्य भारतीयों से अलग नहीं है. जब सुख दुख साँझा है तो एक सूर में बोलने से क्यों कतराना. देश मजहब से पहले है.
जवाब देंहटाएंऐसी बातों की जितनी तारीफ़ करी जाए कम है.............पर अफ़सोस मीडिया ने इस बात को ख़ास खबर नहीं maana
जवाब देंहटाएंbahut achchi bat batai.
जवाब देंहटाएंआपकी राय से मैं भी सहमत हूँ !!.........आतंक के लिए इस प्रकार के सामाजिक प्रतिकारों की बड़ी आवश्यकता है !!
जवाब देंहटाएंअच्छा है।
जवाब देंहटाएंआतन्की पाकिस्तानी हो चाहे देसी, कब्रिस्तान की जमीन पर उन दोनो को जगह नहीं मिलनी चाहिये।
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सिख खदेड़े गये तालिबानियों द्वारा। मुस्लिम जगत ने निन्दा की?