हम हिंसक हो चुके है क्या यह सच नही । बात बात पर हिंसा , जैसे हम हमेशा तैयार है लडाई झगडा करने के लिए । कल की ही घटना है पंजाब जल उठा . ऐसा कौन गुरु होगा जो यह शिक्षा देता होगा की मारो ,लूटो ,काटो । लेकिन सम्प्रदाय की आड़ लेकर अपने गुरु की हत्या का आक्रोश निरही यात्रियों पर उतारा गया ,सरकारी सम्पतियों को जलाया गया ।
यह बर्बर अत्याचार का हल क्या है और सज़ा क्या है ? दंगे खत्म होने के बाद सभी भूल जाते है । कौन दोषी है ? उन दोषियों को क्या सज़ा मिली ? शायद आज तक किसी भी दंगे के आरोपी को सज़ा न मिलना ही इस तरह के दंगो को बढावा देती है ।
गाँधी हत्या , इंदिरा हत्या के बाद हुए दंगे के आरोपी आज तक अदालत की सीडिया तक नही चड़े सज़ा की बात ही अलग है । और तो और आज भी हमारे देश में साल में दस बीस बार साम्प्रदायिक दंगे होते रहते है सैकडो लोग मारे जाते है और दंगे में बंद आरोपी राजनितिक दबाबो के कारण आजाद हो जाते और नए दंगे की तालाश में घटनाओं का इंतज़ार करते है ।
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना... बहु्त निंदनीय ्है..
जवाब देंहटाएंye kaliyug ke guru hain dost.
जवाब देंहटाएंबहुत गलत हो रहा है यह।
जवाब देंहटाएंजो भी हो रहा है गलत हो रहा है !
जवाब देंहटाएंइस देश का भगवान् ही मालिक है ...अगर यही हल रहा तो आने वाले समय में भारतीयों को भी कोई देश नागरिकता नहीं देगा...
जवाब देंहटाएंयह क्या हो रहा है...? किसका गुस्सा किस पर उतारा जा रहा है?क्या धार्मिकता है? धर्म तो हमें उदारता सिखाता है! कितने शर्म की बात है, राष्ट्र की सम्पत्ति नष्ट हो रही है। बेगुनाह लोग मर रहे है और...........
जवाब देंहटाएंक्या धर्म इसे कहते हें ?
जवाब देंहटाएंएक तरफ बंगाल और एक तरफ पंजाब, राष्ट्रगीतमे भी
जवाब देंहटाएंपंजाब सिंध गुजराथ मराठा द्राविड उत्कल बंग
मै सभी लोगो से अपील करता हू "ये क्यूं हुआ" के बजाय "ये कैसे थमेगा" का विचार करना चाहिये।
पंजाब की स्थिति तो सचमुच निंदनीय है कल मुफलिस जी ने बताया कि किस कदर वहाँ ट्रेनों , बसों और कारों को जलाया जा रहा है ...लोग इतने उतावले हैं कि जरा सी आशंका पर किर्पने निकाल लेते हैं ....!!
जवाब देंहटाएंSach kitanee nirdayee ghadi aa gayee hai
जवाब देंहटाएंगुंडा गर्दी है ये....
जवाब देंहटाएंजय हो !! धर्म के ठेकेदारों की ......
जवाब देंहटाएंगुरु लोग और नेता लोग तो इस बात को रोकेंगे नहीं क्यूंकि इन दंगों से नेताओं की रोटी सिकती है...............शिक्षा के आभाव में इतनी बात हम लोग समझते नहीं की हम अपना ही नुक्सान कर रहे हैं...........
जवाब देंहटाएंहिंसा और आगजनी कलंकित ही करते हैं.
जवाब देंहटाएंसच बहुत ही निंदनिय होते हैं इस तरह के हिंसक वारदातें
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