- पिछले १० सालो से मैं विदेश में छुट्टी मनाने का प्लान बनाता था लेकिन इस साल मै यह प्लान नहीं बनाऊंगा .
- एक तमन्ना थी परिवार के साथ कभी फाइव स्टार होटल में जाऊ लेकिन बचत के कारण स्थगित .
- इस बार सत्यनारायण की कथा का आयोजन करना चाहता था लेकिन सूखे के कारण अब अगले साल तक स्थगित
- रिश्तेदारों से कह दिया जाएगा दिसम्बर तक दूर की रिश्तेदारी ही रखे .
- बहुत सालो से सपना था की एक कार खरीदू नैनो यह सपना पूरा करने के करीब थी लेकिन इस साल कार का सपना नहीं देखूंगा .
- ऐसे कई सपने जो मै देखता हूँ इस साल नहीं देखूंगा आखिर हम सरकार के कहे पर नहीं चलेंगे तो कौन चलेगा .
गुरुवार, सितंबर 17, 2009
सरकार के खर्च कटौती प्रस्ताव के पक्ष में मेरा भी योगदान
सूखे के कारण मै भी बचत और सादगी से दिसम्बर तक अपना जीवन बिताने के लिए तैय्यार हूँ आखिर देश की तरक्की में अपना योगदान भी तो देना है . इसलिए मैने खर्चो पर कटौती लगाने के लिए एक रूप रेखा बनाई है शायद आपके भी काम आये -
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रूप रेखा तो बहुत बढ़िया बनाई है !
जवाब देंहटाएं"चांदा थारै चांदणे " एक राजस्थानी फिल्म बनी थी . गांव में एक साधू आते है लोग उनके चेले बनते है चेला बनाने के बाद साधू उनसे कोई एक गलत आदत छोड़ने को कहते है फिल्म का नायक भी साधू को गुरु बनाता है और एक की जगह चार चीजे छोड़ने का वचन देता है १- किसी देश का राजा नहीं बनूँगा २- किसी रानी की सेज पर नहीं सोऊंगा ३- कभी हाथी की सवारी नहीं करूँगा ४- कभी सोने के बर्तन में खाना नहीं खाऊँगा |
धीरू भाई आप के ओर हमारे छोडने से कुछ नही होने वाला, क्योकि हमारा ओर आप का जितना महीने का खर्च है यह तो उतना खर्च एक डिनर मै करते होगे, आप ने कविता बहुत सुंदर लिखी
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
बाकी सब तो ठीक है लेकिन सत्यनारायन की कथा में भी कहीं खर्चा होता है?
जवाब देंहटाएंधीरू भाई वाह,मान गये आपको।सारे देश के लोग ऐसा ही सोचने लगे तभी जाकर हमारे देश का उद्धार हो पायेगा।
जवाब देंहटाएंसत्तनारायन की कथा करवा लीजिये!
जवाब देंहटाएंशुभकामनाऐं... लगे रहे..
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