सोमवार, जून 01, 2009

आज की द्रोपदी भाजपा का चीर हरण पतियों के द्वारा

कलयुग की द्रोपदी सी लगने लगी है बेचारी भाजपा । द्रोपदी और भाजपा में कुछ समानता है , द्रोपदी के कई पति थे और भाजपा के भी आर .एस.एस , विहिप , हिंदू जागरण मंच , बजरंग दल , विधार्थी परिषद आदि जैसे कई पति है । द्रोपदी और भाजपा की दूसरी समानता यह है दोनों के पतियों ने उसे दांव पर लगाया ।

लेकिन द्रोपदी और भाजपा में एक असमानता शायद कलयुग के कारण है - वह यह है बेचारी द्रोपदी का चीर हरण कौरवो ने किया यानी दुश्मनों ने किंतु बेचारी भाजपा का चीर हरण तो उसके सगे पतियों ने ही सरे आम कर दिया और कोई कृष्ण भी न आ सका भाजपा को बचाने के लिए । द्रोपदी रूपी भाजपा का विलाप उनके ही कोरवो रूपी पतियों के अट्टहास में दव रहा है । बेचारी भाजपा को अपने पतियों के जिन्दा रहते हुए सती हो जाना ही एक विकल्प रह गया है ।

इस भाजपा को बचाने कृष्ण क्यो नही आए सवाल विचारणीय था उत्तर खोजा तो पता चला उसके पतियों ने श्री राम को लूटा , उनको विवादों में घसीटा इसी गुस्से के कारण कृष्ण भाजपा का चीर हरण होने पर भी सामने नही आए । और कृष्ण कौन ? .............. अरे वही आम जनता ।

9 टिप्‍पणियां:

  1. वाह धीरू जी............रामायण और महाभारत में अच्छा उलझाया है भाजपा को ........... ये इसी लायक है

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  2. वाह ! धीरू सिंह जी ! कम शब्दों में ही बहुत कुछ समझा दिया | बेचारी भाजपा ......!

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  3. परिवार का आंतरिक मामला है।

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  4. SATYA WACHAN KAHE HAI AAPNE ... WO EK KAHAAWAT HAI DHER JOGI MATH UJAADE.....


    ARSH

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  5. आडवाणी जी बेचारे शायद फिर से इसी उम्मीद मे नेता प्रतिपक्ष के आसन पर विराजमान हो गए है कि..."अगली बार कृ्ष्ण जरूर आएगे"।

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा