महि को हिला रहा है महिला आरक्षण बिल । महि ही हिला दी उन नेताओं की जो कुछ बिरादरियों के दम पर अपनी दुकाने चला रहे है । कोई सुकरात बनने की धमकी देता है । सुकरात क्यों ........ जहर पिया इसलिए या उनकी पत्नी इतनी कर्कश थी इसलिए ? पता नही
आज तो हद हो गई श्री लालू प्रसाद ने तो छोटे दलों के अस्तित्व को ही खतरा बता दिया महिला आरक्षण को । यह वह महान लोग है जो आरक्षण को हथियार और ढाल बना कर ही अपनी रोज़ी और रोटी चलाते है । और आपात स्थिति में अपनी घरेलू महिला को ही गद्दी सौपते है ।
ऐसा क्या है महिला आरक्षण में । ३३% विधायिका में आरक्षण महिलाओ के लिए । लेकिन आरक्षण में आरक्षण चाहते है कुछ लोग ।
क्या आप भी सहमत है जातिगत आरक्षण के लिए ?
क्या पंथ निरपेक्ष गणतंत्र में जाति वादी आरक्षण की जगह होनी चाहिए ?
क्या उन धर्मो को भी आरक्षण मिलना चाहिए जिसमे जाति व्यवस्था नही है ?
अरे यह सब हमे बेवकुफ़ बना रहे है, क्योकि जिस मै भी काब्लियत होगी वो अपने आप आगे आयेगा, उसे कोन रोक पायेगा, लेकिन यह सभी लफ़ंगे कोवे की तरह से कांव कांव कर के देश का ओर हमारा वक्त खराब कर रहे है,
जवाब देंहटाएंइस लिये इन की बकवास सुनो ही मत.
धन्यवाद
महिला आरक्षण बिल का विरोध कर के नेता अपनी पोल खुद खोल रहे हैं :)
जवाब देंहटाएंवीनस केसरी
विधायिका में तो आरक्षण बिल्कुल नहीं होना चाहिए , जातिगत तो कभी व कहीं नहीं होना चाहिए | आर्थिक आधार पर भी कमजोर वर्गों को आरक्षण सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में ही होना चाहिए |
जवाब देंहटाएंऐसा चाहने वालो के लिये हर व्यवस्था अलग होनी चाहिये।उन्के डाक्टर-उनके मरीज,उनके वकील -उनके मुव्वकिल,उनकी जनता-उनका नेता।
जवाब देंहटाएंएक बात और कहाना मै ज़रूरी समझता हूं कि और कितने हिस्से मे बांटोगे हम सब को।
जवाब देंहटाएंये राजनेता तो सब कोई न कोई झुनझुना दिखाते रहते हैं ................. हम लोग बस नाचते रहते हैं........... सब के सब आरक्षण दिखावा हैं........... समाज को चूलमूल रूप से परिवर्तन की बात कोई नहीं करता
जवाब देंहटाएंमजे की बात है कि समाज को बराबरी पर लाने को समर्पित लोग सुकरात (?) बन रहे हैं!
जवाब देंहटाएंराजनीति के नाम पर राजनेता कब तक हमें बेवकूफ बनाते रहेंगे
जवाब देंहटाएंअभी इन्हें सहूलियत नहीं इसलिए अच्छे से समाज को बाँटना चाहते हैं जिसमें हर नेता को कुछ न कुछ मिल सके !
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