बुधवार, दिसंबर 29, 2010

धन्यवाद २०१० बहुत बहुत धन्यवाद

धन्यवाद २०१०  बहुत बहुत धन्यवाद . जो व्यक्तिगत मुझे दिया उसके लिए तो धन्यवाद शब्द छोटा पड़  ही  जाएगा . इस २०१० ने मुझे आदमी काम का बना दिया वरना निकम्मों में शुमारी थी मेरी . यहाँ तक एक बार मेरी बेटी ने भी मुझ से पूछा पापा आप करते क्या हो ?  इस साल ने मुझे इस सवाल का जबाब दे ही दिया .


खैर सब कुछ सही बीता है अब तक . लाखो करोड़ के घोटाले हुए हमें कोई फर्क नही पड़ा .एक बिल्डिंग ३० मंजिल ज्यादा बन गई हमें कोई फर्क नही पडा . रामजन्म भूमि का फैसला हुआ हमें कोई फर्क नही पड़ा .सचिन ने डबल सेंचुरी बनाई फर्क नही पडा . किसी का ब्यान आया कश्मीर भारत का हिस्सा कभी ना रहा हमें कोई फर्क नही पडा . राहुल गांधी ने हिंदुत्व आतंकवाद को लश्करे तैयबा से ज्यादा खतरनाक बताने से हमें फर्क नही पडा .ना जाने कितनी और गतिविधिया हुई जिसका फर्क हम पर नही पडा . 


फर्क तो पडा ओबामा का नाच देखकर . फर्क पडा सरकोजी को कार्ला ब्रूनी की उंगली पकडे देखते हुए . फर्क पडा अम्बानी की अट्टालिका देखकर . फर्क पडा शीला की जवानी और मुन्नी बदनाम देखकर . फर्क पडा विकीलीक्स के लीक देखकर


वैसे २०१० कुल मिला कर तुम बहुत अच्छे हो तुम्हारी यादे हमेशा ज़िंदा रहेगी .  जाते हुए आता २०११ मिले तो उससे कहना गनीमत रखना हमपर .
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और एक बात २०१० तुम ब्लागवाणी अपने साथ ले गए . ब्लागरो को खेमे में बाट गए .खैर जब वह दिन ना रहे तो यह भी नही रहेंगे .
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12 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया पोस्ट लगाई है आपने!
    धन्यवाद २०१० बहुत बहुत धन्यवाद!
    --
    9 जनवरी को आप खटीमा अवश्य आइए!

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  2. 2010 भी शानदार था और 2011 भी दमदार हो, शुभकामनायें।

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  3. जो अब तक बीता वो शानदार था और आने वाला कल भी शानदार व दमदार हो यही शुभकामनाएँ है |

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  4. निकम्मों से काम वालों में शुमारी हो गई आप की, बधाई।

    भविष्य के लिये भी शुभकामनायें।

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  5. जो बीत गाया वह दमदार था जो आएगा वह उस से भी दमदार हो यह ही हमारी मनोकामना है| शुभकामनायें।

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  6. नूतन वर्ष की हार्दिक शुभ-कामनाओं के साथ........

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  7. गत वर्ष का सुंदर विश्लेषण किया है धीरु भाई

    आगामी वर्ष की हार्दिक बधाई

    बेटी को प्यार

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  8. सुन्दर प्रस्तुति..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !

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  9. .
    .
    .
    "खैर जब वह दिन ना रहे तो यह भी नही रहेंगे"
    सहमत!

    नव वर्ष की शुभकामनायें।


    ...

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  10. बहुत जानदार लेखनशैली है आपकी ।
    ब्‍लागजगत के आप रत्‍न सरीखे हैं ।

    संस्‍कृत की सेवा में हमारा साथ देने के लिये आप सादर आमंत्रित हैं,
    संस्‍कृतम्-भारतस्‍य जीवनम् पर आकर हमारा मार्गदर्शन करें व अपने
    सुझाव दें, और अगर हमारा प्रयास पसंद आये तो संस्‍कृत के लेख लिखकर संस्‍कृत के
    प्रसार में अपना योगदान भी दें ।

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  11. नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये!

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा