शेर सिंह के बारे में थोड़ा तो पता चल ही गया होगा । हमारे शेर सिंह कितने मक्कारी की हद तक जा सकते उसकी एक कहानी । शेर सिंह एक जमींदार परिवार से थे ही और छोटी छोटी पंचायते करते रहते थे पञ्च परमेश्वर बन कर । ऐसे ही एक पंचायत की बानगी
दो मुसलमान परिवार आपस में लड़ गए । पंचायत के लिए शेर सिंह को बुलाया गया । शेर सिंह ने दोनों पक्षों को सुना । दोनों पक्ष अपने को सही साबित करने के लिए दलीले पेश कर रहे थे कसमे खा रहे थे । फैसले की घड़ी आ गई । सब लोग फैसले का इंतज़ार करने लगे । शेर सिंह ने कहा । सब लोग सुनो दोनों गलत थे । इसलिए दोनों लोग ५०० ,५०० रूपय जुरमाना देंगे ।
चारो ओर खामोशी छा गई , एक ने डर के पूछा जुर्माने का क्या होगा । शेर सिंह यह सुनते ही भड़क गए और चीख कर कहा सालो तुम यह समझते हो यह रुपया शेर सिंह खा जाएगा । नालयको इस रुपए से गावं की मस्जिद के लिए कालीन आएगी । जनता खुश लोग कहने लगे - भय्ये का दिमाग कितना आला है कितनी दूर की सोची
समय बीतता रहा कालीन का कहीं अता पता नही था लोग ईक्ट्ठे हुए शेर सिंह के पास गए । कालीन के बारे में पूछा तो शेर सिंह ने कहा शेर सिंह के गाँव में क्या बरेली से कालीन आएगी , कश्मीर से मंगाई है इंतज़ार करो । और आज कई दशक बीत गए कालीन आज तक नही आई । और वह १००० रुपए शेर सिंह के हो गए । उस समय १००० रुपए की कीमत आज से बहुत ज्यादा थी १५० रु तोला था सोना उस समय
शेर सिंह को तो पाक भेज देना चाहिये।
जवाब देंहटाएंवाकई, भैय्ये का दिमाग बड़ा आला है.
जवाब देंहटाएंआज भी गांवों में ऐसे कई शेर सिंह मिल जायेंगे जो चंदे की राशी हजम करने की फिराग में हर वक्त रहते है |
जवाब देंहटाएंक्या बात है.. शेर सिंह जी चले गये.. पर उनके रिश्तेदार आज भी बहुत घूम रहे हैं..
जवाब देंहटाएंक्या बात है शेर सिंह जी की............. जे हो....... isko कहते हैं दादागिरी
जवाब देंहटाएंआज भी बहुत सारे हैं.
जवाब देंहटाएंशेर सिंह में भले ही लाख बुराइयाँ हों... दिमाग की तो दाद देनी ही पड़ेगी....
जवाब देंहटाएंwww.nayikalam.blogspot.com
कालांतर में यही शेर सिंग देश के प्रधान मंत्री होंगे. :)
जवाब देंहटाएंआज के जमाने में ऎसे पता नहीं कितने शेर सिँग हर गली,मोहल्ले में घूमते दिखलाई दे जाएंगे।
जवाब देंहटाएंशेर सिंह की अध्यक्षता मेम देश की पंचायत का भविष्य उज्ज्वल है!
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