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अफ़सोस बेहद अफ़सोस कुछ लाख करोड़ रुपल्ली के लिए एक नेता से इस्तीफा ले लिया गया . क्या होता अगर वह करोडो रूपए मिल भी जाते सरकार को . उससे से क्या कोई भ्रष्ट्राचार ख़तम हो जाता या कोई कमी आ जाती .देश की जनता को गुमराह कर रहा विपक्ष सरकार को काम नहीं करने दे रहा है . अगर एक करोड़ सत्तासी लाख रुपए 2 जी स्पेक्ट्रम से मिल ही जाते तो सबसे ज्यादा जनता का ही होता . जो आज इतने सस्ते में बात हो रही मोबाइल से वह क्या हो पाती ? कभी नहीं . बिलकुल नहीं ........... विपक्ष नहीं चाहता कि आम जनता सस्ते में बात करे अपनों से और दुःख दर्द दूर करे .
रुपए पैसे के मामले में सब एक हो जाते है संसद में . जो एक दूसरे को गाली देते है वह भी . मांग है जेपीसी की . क्या होगा जांच होके और क्या हो गया आज तक रिपोर्ट आकर . जितना समय ,पैसा ,कागज़ इन रिपोर्टो को बनाने में खर्च होता है उससे कई लाख बच्चो की कापी किताब आ सकती है .
लेकिन संसद में विपक्ष कभी इकठ्ठा होकर कश्मीर में हो रहे आतंकवाद के खिलाफ आवाज़ नहीं उठाता . कभी नक्सलवाद के प्रश्न पर एक नहीं होता . भूख और महंगाई पर कमेटी नहीं बनाता . क्यों ................ शायद इसमे वोट पर फर्क नहीं पड़ता और नोट ना ही मिलता .
और भारत का सत्ता पक्ष उसे तो ब्रह्मा से वरदान मिला है शायद ........ कुछ भी करो तुम्हारे विरोधी कभी तुम्हे घेर नही पायेंगे और तुम अजेय रहोगे .
और ब्रह्मा के वरदान को सही साबित करने के लिए जनता जनार्दन हमेशा (एक दो बार अपवाद स्वरूप ) वचन निभा रही है
इस इस्तीफे से कई होनहार हतोत्साहित होगें. अफसोस है.
जवाब देंहटाएंjnaab hm bhi aapke is afsos men shaamil he achcha andaaz he mubark ho. akhtar khan akela kota rajsthan
जवाब देंहटाएंजुर्माना लगाना चाहिये था।
जवाब देंहटाएंजेपीसी की मांग सहारे विपक्षी भी तो अपना हिस्सा पाएंगे !!
जवाब देंहटाएंविडंबना है :-( :-)
जवाब देंहटाएंभारत का सत्ता पक्ष उसे तो ब्रह्मा से वरदान मिला है शायद ........ कुछ भी करो तुम्हारे विरोधी कभी तुम्हे घेर नही पायेंगे और तुम अजेय रहोगे .
जवाब देंहटाएंbahut sunder kataksh.
हां जी, ई तो जुलुम भया... अरे राजा भी जनता की तरह कानून के ताबे आता है क्या !!!!!!!! :)
जवाब देंहटाएंघोर नाईंसाफ़ी हुई है जी, हमारी सहानुभूति नेताजी के साथ है। सिद्धांतों पर चलने की कीमत चुकानी पड़ी बेचारों को।
जवाब देंहटाएंबेहतरीन व्यंग्य, आभार!
जवाब देंहटाएंध्यान रहे कि घोटालेबाज कम्पनियों और राजा बाबू से पैसा वापस लेने की बात कोई नहीं कर रहा है…
जवाब देंहटाएं..भारत का सत्ता पक्ष, उसे तो ब्रह्मा से वरदान मिला है कुछ भी करो तुम्हारे विरोधी कभी तुम्हे घेर नही पायेंगे और तुम अजेय रहोगे .
जवाब देंहटाएंऔर ब्रह्मा के वरदान को सही साबित करने के लिए जनता जनार्दन हमेशा (एक दो बार अपवाद स्वरूप ) वचन निभा रही है
purnt: sahmat hun aapse,Janta ka saath hai, tabhi to kendr main "haath" hai ......
regard>
P.S.Bhakuni
Buransh (Ek Prateek)
हमारी सहानुभूति नेताजी के साथ है ....
जवाब देंहटाएंमुझे बड़ा दुख हो रहा है.. काश कि राजा की तरह मैं भी आपकी सहानुभूति का पात्र बन सका होता..
जवाब देंहटाएंव्यंग्य का सहारा लेकर अपनी बात रखना भी एक कला है , सुंदर रचना बधाई
जवाब देंहटाएंLajawaab vyang hai Dhiru ji ...
जवाब देंहटाएंjai ho raaja saham ki ... koi mudda to haath mein diya netaaon ko ...