रविवार, अगस्त 22, 2010

यह मुसीबते अकेले क्यो नही आती .

यह मुसीबते एक साथ ही क्यों आती है अकेले क्यों नहीं . पिछले कई दिनों से कई मुसीबते एक साथ सामने आ गयी . अभी कुछ नए और पुराने व्यापार के सिलसले में बिजी हूँ . तभी अचानक मेरे जीजा जी के पिताजी को हार्ट अटैक हुआ और उन्हें नोयडा के मेट्रो हास्पिटल ले जाना पड़ा . एंजियोग्राफी के बाद तुरंत बाई पास की सलाह दी गई . हम लोग परेशान थे ही तुरंत खून और पैसे की व्यवस्था करनी थी इसलिए तुरंत अपने शहर को गए . 

वहा से सब व्यवस्था हासिल कर अपनी कुछ ही महीने पुरानी टाटा सफारी से हास्पिटल पहुचे . जैसे ही हम अन्दर गए और थोड़ी देर बाद बाहर आये तो पता चला की सफारी चोरी हो चुकी है . गाडी तो गई ही गई उसमे रखा सब सामान ,कपड़ा लित्ता ,कागज़ और रुपये भी चोरी हो गए . रिपोर्ट लिखवा दी . जो नुक्सान हुआ वह कुछ ज्यादा ही था . 

संतोष इस बात का है आपरेशन सफल हुआ . अब वह ठीक है और गहन चिकित्सा कक्ष में है एक आध दिन में वार्ड में शिफ्ट हो जायंगे . 

इस घटना से पुरानी कहावत सही साबित हुई . कि मुसीबते अकेले नहीं आती .

14 टिप्‍पणियां:

  1. इस घटना से पुरानी कहावत सही साबित हुई . कि मुसीबते अकेले नहीं आती .
    पुरानी कहावतें गहन अनुभव का परिणाम हैं !!

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  2. चलिये, पैसे धेले का नुकसान तो बर्दाश्त करा जा सकता है।
    मरीज के शीघ्र स्वास्थ्य-लाभ की कामना करते हैं।

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  3. बहुत ही बुरा हुआ। जीजा जी अब स्वस्थ हैं, यह सन्तोष है।

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  4. ऊपर वाला बहुत चतुर है..वो इसलिए मुसीबतों को अकेला नहीं भेजता ताकि टल जाने पर आप यह कह सकें कि चलो अच्छा हुआ छोटी मुसीबत के कारण बडी मुसीबत टल गई... अब आप ही सोचिए, जो नुकसान हुआ वो तो हुआ ही, इसकी आड़ में कितनी बड़ी मुसीबत टल गई.. जीजा जी के स्वस्थ होने और आगे भी स्वस्थ रहने की मंगलकामनाएँ!!

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  5. अरे.. धीरू भाई... ख्याल रखिये...

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  6. ओह, इस मुश्किल में हम आपके साथ हैं ,अपना ख्याल रखें ।

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  7. सही कहा है किसी ने की मुसीबत भी छप्पर फाड़ के आती है, शीघ्र स्वास्थ्य-लाभ की कामना करते हैं

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  8. ये अच्छा रहा कि इतनी मुसीबतों के बाद भी...जीजा जी के पिता जी स्वस्थ हो गये.


    मंगलकामनाएँ.

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  9. dhiru singh ji aapne likha to bhut khub h lekin shirshk musibt akele kyun nhin aati is pr meraa aek maatr mzaaq he mehrbaani kr anythaa naa len meraa maanna he ke shadi shudaa mrdon ko sb ptaa he ke musibt sirf or sirf akele hi aati he kyunki jb shaadi hoti he to bivi hi sbse bdi musibt hoti he jisne ise jhel liyaa smjho sbhi musibton men suka bedaa paar he or fir oh musibton se bch kr kaamyaab insaaan bntaa he shaayd isiliyen khaa jata he ke hr kaamyab insan ke piche aek ort khdi hoti he , sch yhi he ke aadmi ort ki prshaani se bhaagta he bhaagta he or kaamyaab ho jaataa he fir piche mud kr dekhta he or fir bhaagta he or fir kamyaab ho jaata he . akhtar khan akela kota rajsthan

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  10. ये सच में अफ़सोस की बात है ..... चलिए आपरेशन सफल हुवा इस बात से राहत मिली ... हमारी शुभकामनाएँ हैं जल्द स्वस्थ लाभ हो .....

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  11. जीजा जी के पिता जी स्वस्थ हो गये बहुत अच्छा है,ओर यह सफ़ारी की चोरी.... क्या हो गया हमारे देश को...हर कोई किसी भी तरह से पेसा कमाना चाहता है कुछ भी कर के....मुझे अफ़सोस नही शर्म आती है

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  12. शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना है।
    गाडी का क्या हुआ - बरामदगी, क्लेम आदि?

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  13. हमें आपसे सुहानुभूति है ।

    पर यह बैकग्राउण्ड कैसा कर लिया भैया । बड़ा डरावना ब्लॉग कर दिया है ।

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  14. aapne jo likha vo ghtna hai our ye ghtnaye jindgi me hoti rhti hai .kya kiya jaye .
    achchha lga ki aapne blog pr dada ji our pita ji ki tsveer lga kr unhe smmanit kiya .

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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा