कश्मीर की समस्या कश्मीरियों की नहीं है कश्मीर की समस्या हिन्दुस्तानियों की है . और उसका फैसला सब हिन्दुस्तानियों को ही मिल बैठ कर करना चाहिए . अलगाववादियों से सिर्फ गोली ही बात करे तो देश के लिए हितकर होगा . समय समय पर अपने सैनिको और अर्धसैनिको का मनोबल तोडा जाता है . मानवाधिकार के नाम पर देश के रक्षको पर अत्याचार होता है . शांतिकाल{?} में ही हजारो सैनिक शहीद हो गए . जितने सैनिक इस में शहीद हुए है शायद ही किसी युद्ध में हुए हो .
हुर्रियत के चलाने वाले आतंकवादी आज कहते है हम १४ अगस्त को आज़ादी का दिन मनाएंगे और १५ अगस्त को शर्म दिवस . और हमारी सरकारे चुप है . राष्ट्र द्रोह को मूक समर्थन देने वाले भी राष्ट्र द्रोही ही है . अगर कश्मीर को भारत में ही जोड़े रखना है तो इसी १५ अगस्त तक इन देशद्रोहियों को जहनूम में भिजवा देना चाहिए . .
जेल में बंद कर देना चाहिए...
जवाब देंहटाएंरंजन भाई जेल तो इनकी सुसराल है . बिना जहनूम भेजे काम नही चलेगा .
जवाब देंहटाएंतमाम, अधिकारवादियों को बाहर कर सेना को अन्दर करें और आँख बन्द कर लें. आधी दिल्ली जितनी आबादी ने नाक में दम कर रखा है.
जवाब देंहटाएंहम अपने सहने की परीक्षा ले रहे हैं।
जवाब देंहटाएं१००% सहमत हूँ आपसे !
जवाब देंहटाएंएक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
जवाब देंहटाएंआपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !
आपकी बात में बहुत दम है...
जवाब देंहटाएंनीरज
सरकार बात कर रही है, यह थोड़ी मेहरबानी है क्या सरकार की? कितना रिस्क उठा रही है जी सरकार, छवि खराब होने का, वोट बैंक बिगड़ने का।
जवाब देंहटाएंसहमत हूँ, मानवता के इन हत्यारों से बातचीत का कोई अर्थ ही नहीं है।
जवाब देंहटाएंjail mein bhejna chahiye... balki usse bhi badkar koi jagah ho narak jaise wahan bhej do..
जवाब देंहटाएंआज से पहले इतनी कमजोर सरकार नही देखी है .... या इस सरकार का ये अजेंडा है देशके टुकड़े करवाना ....
जवाब देंहटाएं