मेरा गाँव जिसका नाम सुनकर लोगो को डर लगता है । आज भी शहर के नज़दीक होने के बाबजूद लोग वहां जमीन खरीदने की हिम्मत नही जुटा पाते क्योकि उन्हें यकीन नही होता कब्जा मिलेगा या नही । बसों में आज भी गाँव के लोग फ्री चलते है । रात में लोग डरते है वहां से निकलने पर , चलते ट्रक पर रखा सामान उतार लिया जाता है ।
कच्ची शराब बनाने का कुटीर उद्योग है । पहले तो स्मेक और हेरोइन का भी कारोबार था अब उससे तो राहत है । नई पीडिया भी मार काट में विश्वास करती है । देसी हथियार तो गहने है लोगो के लिए । और यहाँ सूरज अस्त और गाँव मस्त होता था और तो और कई लोग सूरज प्रकट पर भी मस्त हो जाते है . पर ऐसा नही सब ऐसे ही है कुछ मछलियों ने तालाब गन्दा कर रखा है ।
लेकिन कुछ दिनों से एक नई बात हो गई है लोग धर्म कर्म में पड़ गए है जो शराब से कुल्ला करते थे वह लोग शराब को छोड़ रहे है । कोई जय गुरु देव का चेला हो गया है कोई बाल योगेश्वर का और कोई भोले बाबा का । सब गुरु की प्रेरणा से शराब , मॉस मछली छोड़ रहे है । कमाल हो गया है सब सुधर रहे है । गाँव से ५० से ज्यादा लोग कांवर लेकर आए लगभग १०० किलो मीटर की पैदल यात्रा की ।
ईश्वर से प्रार्थना है ऐसी ही कृपा बनाये रखे मेरे गाँव पर । आप लोग भी प्रार्थना करे ।
परदे के पीछे क्या है! परदे के पीछे... अच्छा है यदि लोग समझ जाएं कि समाज में रहना है तो जंगल राज को त्यागना होगा। बधाई आपके ग्राम सुधारकों को॥
जवाब देंहटाएंहमारी शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंयेल्लो जी हमारी भी शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंधर्म व गुरुओं की सहायता से अच्छे अच्छे बुरे लोग सुधर सकते है | आपके गांवं में भी ऐसा होना बहुत सुखद है | शुभकामनाएँ |
जवाब देंहटाएंयह तो बड़ी अच्छी बात है. वैसे, कौन गाँव के हो धीरू भाई?
जवाब देंहटाएंक्या बात है.... बहुत अच्छा लगा जानकर..
जवाब देंहटाएंबहुत बढि़या, इसीलिये मैं कहता हूं कि सन्तों के व्यक्तिगत जीवन पर टीका-टिप्पणी करने की जगह अच्छी बातों को ग्रहण करें.
जवाब देंहटाएंचाहे किसी भी बहाने हो.......पर अगर बुरी आदर सुधर जाए तो बहूत अछा है............
जवाब देंहटाएंविकास का रथ चलेगा। चाहे धर्म के नाम पर चले या औद्योगीकरन के नाम पर। स्थितियां बदलेंगी। आप शायद वही देख अर्हे हैं अपने गांव में।
जवाब देंहटाएंसुधार की खबर अच्छी खबर है। बात बस इतनी ही है कि एक सड़ी मछली के कारण पूरा तालाब गंदा हो जाता है।
जवाब देंहटाएंSaraahneey.
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }