निगेटिव पब्लिसिटी के माहिर बाबा रामदेव अपने अनर्गल बयानों से विवादों में बने रहते हैं।
आयुर्वेद सनातन विज्ञान है। आयुर्वेद भगवान धन्वंतरि द्वारा दिया गया मानवता के लिये उपहार है। चिकित्सा क्षेत्र में आयुर्वेद , एलोपैथी , होम्योपैथी , यूनानी , एक्यूप्रेशर, नेचुरोपैथी जैसी कई पद्धिति कार्यरत है। लेकिन एलोपैथी ने सतत अनुसंधान के कारण वर्तमान में अपनी सार्थकता सिद्ध की है।
वैद्यनाथ , झंडू , गुरुकुल कांगड़ी , डाबर जैसे संस्थान जो आयुर्वेद को लेकर दशकों से निर्विवाद होकर काम कर रहे है। आज भी कई रोगों के इलाज के लिये आयुर्वेद फार्मूला ही कामयाब है liv 52 हो या पाचन या इम्युनिटी के लिये ल्युपिन , डॉक्टर रेड्डी जैसी कम्पनियां भी आयुर्वेद उत्पाद बनाती है।
बाबा आयुर्वेद नही पतंजलि का प्रचार करते है। और एक लड़ाकू दुकानदार की तरह व्यवहार करते है। हर बाजार में एक न एक दुकानदार ऐसा होता है जिसकी अपनी बिक्री तो कम है इसलिये वह सिर्फ दूसरों के ग्राहकों से लड़ता फिरता है कि मेरी दुकान के सामने साइकिल क्यों खड़ी करी। बाबा आयुर्वेद के शुभचिंतक नही व्यापारी है और एक नेक्सस बना कर वही श्रेष्ठ है का दम्भ भरते है। यह भी कहा जा सकता बाबा आयुर्वेद के चरमपंथी है।
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