हे बापू
जीवन भर सत्य की राह चले
जब छोड़ा जीवन तो कहा हे राम
क्या यह शब्द असत्य कहे
आज तुम्हारे चेलो ने
राम पर प्रशन चिन्ह लगा दिया
बापू
वोह दिन भी दूर नहीं
तुम्हारा बलिदान व्यर्थ जायेगा
तुम्हे भी किस्से कहानियो का पात्र बताया जायेगा
राजघाट पर व्यर्थ घेरे हो जगहे
वहां पर पर्यटको के लिए होटल बनाया जायेगा
छोटी धोती पहेंते थे इसलिए सेंसर लगाया जाएगा
तुम्हारा कुछ बचेगा तो बस एक शब्द गाँधी
क्योंकी बही तो सत्ता सुख दिलायगा
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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा