अन अल हक्क की बात कहने पर मंसूर अल हल्लाज जो एक तसव्वुफ( सूफी)थे को सन 922 में खलीफा अल मुक्तदर ने सूली चढ़वा दिया था। क्योकि अन अल हक्क की बात इस्लाम विरोधी है।
आज मोदी का विरोध के लिए इस्लाम का विरोध हो रहा है। और कोई कुछ नही कह रहा है।
हिन्दू तो ऐसी कौम है जिसे कोई सर्दी गर्मी नही लेकिन इस्लाम भी अगर सेक्युलर हो गया तो क्या होगा वैसे भी चौहदवीं सदी चल रही है।
नास्तिक लोग मुसलमानों के बीच में घुस कर मोदी की आड़ में इस्लाम का नुकसान कर रहे है।
और इस्लाम के मानने वाले कौआ कान ले गया के शोर पर कौवा के पीछे दौड़ रहे है कान नही टटोल रहे। खैर उन्हें अक्ल आएगी लेकिन तब तक इस्लाम को जो नुकसान होने है वह हो चुका होगा।
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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा