रविवार, जुलाई 30, 2017

दिल्ली दरबार

दिल्ली दरबार
इंग्लैंड का किंग जार्ज पंचम ने जब १९११में  दिल्ली में अपना दरबार लगाया उस समय के तमाम राज्यों के राजाओं नबाबो ने सिर झुका कर स्वागत किया और किंग जार्ज को भरोसा हुआ अगली कई शताब्दियों तक ब्रितानी हुकूमत चलती रहेगी।
लेकिन जनता ख़िलाफ़ थी और तीस सालो के अंदर ही आम जनता ने अंग्रेजो को भारत से भगा दिया।

इतिहास बहुत कठोर होता है और भविष्य बहुत निर्दयी। राज्यों के राजा नवाब की चरण वंदना से यह नही लगना चाहिए प्रजा ख़ुश है।

अति आत्मविश्वास की पराकाष्ठा और अहंकार में बहुत महीन अंतर होता है। और अहंकार तो रावण का भी नही बचा।

शेष शुभ

1 टिप्पणी:

आप बताये क्या मैने ठीक लिखा