जो हो रहा है वह सही नही हो रहा है । विरोध एक व्यक्ति का लेकिन विरोध के समय हर मर्यादा का हनन हो रहा है । एक राष्ट्र प्रमुख देश के लिए देश के हित के लिए रात दिन अपने कर्तव्यों का पालन कर रहा है और हम कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए उसकी निंदा करते समय देश के बारे में भी अनर्गल बातें करते है ।
यह हमारी संस्कृति नही लेकिन दोषी एक पक्ष ही नही । अनर्गल प्रलाप दोनों पक्षों के तरफ़ से हुआ है मर्यादाए दोनों तरफ़ से टूटी है लेकिन आपसी द्वन्द से देश को नुक़सान हो रहा है देश के मनोबल पर असर पड़ रहा है । हम वर्तमान में नही भविष्य के लिए लड़ रहे है । हम से तात्पर्य हमारे उन लोगों से है जो देश को चलाना चाहते है ।
आपसी लड़ाईं में देश न हार जाए इसका ध्यान रखे ।
हम नक्कारख़ाने में तूति बजाते है लिखते है और लिखकर भूल जाते है
बिलकुल, यही हो रहा है आज.
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सटीक बात कही आपने।
जवाब देंहटाएंरामराम
#हिन्दी_ब्लागिंग
सही कहा आपने
जवाब देंहटाएंसत्य वचन !
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (07-07-2015) को "शब्दों को मन में उपजाओ" (चर्चा अंक-2660) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक
जो अपनी राह पर चलता रहता है, मंजिल वही पाता है, और देखियेगा मंजिल मिलेगी।
जवाब देंहटाएंसही कहा है आपने पर इसका श्रेय कांग्रेस पे जाता है ... दरअसल वी बर्दाश्त हाई नहि कर पाए हैं अभी तक की मोदी जी कैसे आ गए ... हर हद पार कर दी है उन्होंने ... लोग अब भी अगर कांग्रेस के साथ हैं तो देश का भगवान हाई मालिक है
जवाब देंहटाएं