बहुत दिनों बाद हां या ना में जूझते हुए आखिर लिखने का मन करने लगा . लेकिन बिषय का आभाव साल रहा है . भ्रष्टाचार और अन्ना मुझे आकर्षित नहीं करते .क्योकि मै कितने भी कुछ कहू लेकिन यह सच है भ्रष्टाचार का शिकार या शिकारी हर आम व्यक्ति है . या कहे आम आदमी शिकार और जो शिकारी हो जाता है वह ख़ास हो जाता है .
आज अन्ना और उनकी टीम ईमानदारी का ढिंढोरा पीट रही है शायद वह ईमानदार इसलिए है की उन्हें बेईमानी का मौक़ा नहीं मिला है . हम आम लोग इन्हें भी बेईमान बना कर छोड़ेंगे क्योकि जब जब व्यक्ति को जनसमर्थन हासिल होता है या तो वह निरंकुश हो जाता है या भ्रष्ट . टीम अन्ना निरंकुश तो है ही समय रहते वह भ्रष्ट भी हो ही जायेगी . और टीम अन्ना ने साबित कर दिया है वह हरवाने की क्षमता रखते है . जितवाना उनके लिए सम्भव नहीं .एक ना एक दिन वह आम जनता के उस विश्वास को भी हरा देंगे जो १२ दिन २४ घंटे उपवास के समय हासिल हुआ था .
अन्ना के कहेनुसार यदि कांग्रेस जनलोकपाल बिल लाती है तो कांग्रेस के समर्थन में वह आगे आयंगे . कांग्रेस जरुर यह बिल लायेगी . क्योकि फुदकने वाले चूहों के लिए बिल मिल जाए तो वह शांत रहते है .
खैर अन्ना प्रकरण बहुत ही थोड़े समय के अन्दर कोल्ड स्टोर में फ्रीज़ कर दिया जाएगा . कई सालो बाद याद करेंगे एक अन्ना हुए थे
हम्म ... बात में दम है !
जवाब देंहटाएंलड़ाई लम्बी है और कठिन है। एक अन्ना से काम नहीं चलने वाला।
जवाब देंहटाएंअभी से दिखने लगा है .... अन्ना का जोश जो नौजवानों में छाया था धूमिल पड़ रहा है
जवाब देंहटाएंभ्रष्टाचार के इतने मुद्दे कोल्ड स्टोरेज में चले गए तो क्या अन्ना का मुद्दा गर्म ही रहेगा :)
जवाब देंहटाएंभ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए पहले हमको आपको बदलना होगा,अन्ना और उनकी टीम -जनलोकपाल,क़ानून से भ्रष्टाचार समाप्त नही होगा,...अच्छी पोस्ट,बधाई...
जवाब देंहटाएंयथास्थिति को सिर्फ़ बर्दाश्त करने से कहीं बेहतर है कि प्रयोग होते रहें। समय की कसौटी पर जब नये नेता खरे न उतरें तो नया विकल्प सही, लेकिन बदलाव के लिये किसी दैवीय अवतार का ही इंतजार करना भी अजीब लगता है।
जवाब देंहटाएंखैर अन्ना प्रकरण बहुत ही थोड़े समय के अन्दर कोल्ड स्टोर में फ्रीज़ कर दिया जाएगा . कई सालो बाद याद करेंगे एक अन्ना हुए थे
जवाब देंहटाएंलगता है ऐसा ही होगा !!