चाह कर भी आलस्य के कारण ब्लॉग पर नियमित नहीं आ पाता . रोज़ के घटना क्रम जो हो रहे है उन पर लिखना चाहता हूँ लेकिन आलस्य मुझे यह नहीं करने दे रहा है . आज आलस्य को हराकर कुछ लिखने की ठानी है .
राहुल गांधी पदयात्रा पर निकले अच्छा लगा . उन्होंने यह दिखाया वह चल भी सकते है . लेकिन हासिल क्या किया लोगो को फ़ायदा क्या यह तो पता भी ना चला . खैर बड़े बड़े लोग बड़ी बड़ी बाते हमें क्या
जिन्हें फ़ायदा हुआ उन्हें जांच से पहले निर्दोष साबित कर दिया और जोकरों को बंद ....मै बात कर रहा हूँ नोट के बदले वोट के बारे में . अमर सिंह और उनके तथाकथित जोकरों ने उचल कूद उस समय की थी मुझे नहीं लगता वह सोनिया ,मनमोहन को पता ना हो . आखिर फ़ायदा तो उन्ही का था . लेकिन उन्हें तो क्लीनचिट मिल ही गई .कितना अजीब है . फिर भी चलता है होता है दुनिया है .
और भी घटनाएं रोज़ हो रही है आजकल तो सावन में भोले शंकर के भक्त भक्ति का भोडा प्रदर्शन कर रहे है . डीजे पर बजाते फिल्मी धुन के भजन और सड़क पर कब्जा देख कर दया तो आती है लेकिन पैदल सैकड़ो मील चलने का जज्बा देख कर भक्ति पर विशवास भी होता है
"नोट के बदले वोट" काण्ड की जाँच में यही तो होना था | बेशर्मी की हदें है ये |
जवाब देंहटाएंway4host
जितना होना चाहिये उतना नहीं हो रहा, फिर भी मुझे यह अच्छा लगा कि अब कई बडे-बडे चेहरे अब जाँच/थाने/अदालत के घेरे में आ रहे हैं जिनका पहले नाम तक लिया जाना मुश्किल था। अच्छी शुरूआत है, आगे बढे ...
जवाब देंहटाएंsupreme court ke kuchh maanniya nyayadhishon se hi aashayen bachi hain..
जवाब देंहटाएंबिलकुल ठीक किया :)
जवाब देंहटाएंथोडा समय हम लोगो को भी दिया कीजिये ... अच्छा लगता है ... !!
जवाब देंहटाएंचलिये कुछ खुल तो रहा है।
जवाब देंहटाएं. डीजे पर बजाते फिल्मी धुन के भजन और सड़क पर कब्जा देख कर दया तो आती है लेकिन पैदल सैकड़ो मील चलने का जज्बा देख कर भक्ति पर विशवास भी होता है
जवाब देंहटाएंबस सब चलता है ..यह दुनिया है ..
काश देश का क़ानून कुछ तेजी से चल सके ... लोगों में विशवास दुबारा आ सके ...
जवाब देंहटाएंहम भी तो चुप बैठते हैं अगर जोरदार आवाजें उठें तो सरकार भी हिल जाये जैसे अण्णा ने हिला रखा है । पर वही जो आप कह रहे हैं, चलता है, होता है, दुनिया है ।
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