बहुत हुआ
बहुत सहा
अब और नहीं
अब और नहीं
समय आ गया
बन दावानल
प्रचण्ड आक्रमण
अब यही सही
अब यही सही
रौद्र रूप से उठो
ज्वालामुखी से तपो
अस्मिता का प्रश्न है
अब आगे बढ़ो
अब आगे बढ़ो
बहुत सहा
अब और नहीं
अब और नहीं
समय आ गया
बन दावानल
प्रचण्ड आक्रमण
अब यही सही
अब यही सही
रौद्र रूप से उठो
ज्वालामुखी से तपो
अस्मिता का प्रश्न है
अब आगे बढ़ो
अब आगे बढ़ो
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आप बताये क्या मैने ठीक लिखा