tag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post3590815696460364532..comments2023-07-28T18:44:10.707+05:30Comments on Darvaar दरबार: चचा अंग्रेजो के शुक्रगुजार क्योकि अंग्रेजो ने मुसलमानों से हिन्दुस्तान की कमान ले कर हिन्दुओ को सौंप दीdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }http://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comBlogger11125tag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-59540399355730519442009-11-08T04:48:39.467+05:302009-11-08T04:48:39.467+05:30क्या बात कर रहे हैं गुलामी तो गुलामी है, और १८५७ क...क्या बात कर रहे हैं गुलामी तो गुलामी है, और १८५७ के बाद अंग्रेजों ने जो कहर ढाये हैं उसे आपके चाचाजी ने तो न झेले होंगे । अपनों का कहर भी अच्छा है गैरों के मिठाई से ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-45282661086839873372009-11-05T20:55:53.586+05:302009-11-05T20:55:53.586+05:30बुरा न मानना चच्चा गुलाम तो हम अभी भी हैं, काले अँ...बुरा न मानना चच्चा गुलाम तो हम अभी भी हैं, काले अँगरेज़ और नेता नबावों के. वैसे बड़े बुजुर्ग बताया करते हैं की अंग्रेजों का ज़माना आज से लाख गुना बेहतर था. न बिजली जाती थी, न रिश्वत थी, न लेटलतीफी थी, न ट्रेन लेट होती थीं, न कोई कानून तोड़ कर यूँ ही बच सकता था. इमरजेंसी के दिन भी बाप दादा कुछ ऐसे ही सुहाने बताते हैं. <br /><br />हम गुलाम तब थे या अब?<br /><br />वैसे तो अपने भारत में आजादी के सपने देखता हूँ. पर नाउम्मीदी की स्थिति में मैं भी आज की गुलामी और मुगलिया गुलामी के बजाय अंग्रेजों की 'गुलामी' पसंद करूँगा.ab inconvenientihttps://www.blogger.com/profile/16479285471274547360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-47119245049830346932009-11-05T19:18:19.441+05:302009-11-05T19:18:19.441+05:30आपकी बात में भी दम है धीरू जी ........... नया दृष्...आपकी बात में भी दम है धीरू जी ........... नया दृष्टिकोण देती है आपकी पोस्ट ........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-45598982122193257712009-11-05T18:53:55.347+05:302009-11-05T18:53:55.347+05:30भूत में क्या हुआ चचा जाने दो आज जागो कोई हिन्दू को...भूत में क्या हुआ चचा जाने दो आज जागो कोई हिन्दू को जजिया के लिए मजबूर न कर पाए !<br />ज्ञानदत्त पाण्डेय जी आप उस सोच से बाहर आओ और विश्वास पैदा करो की अब जो हमें गुलाम बनाने आयेगा उसे सदियों तक हम अपना गुलाम बनायेंगे चाहे जो भी आये !!!उम्दा सोचhttps://www.blogger.com/profile/08616299859031751426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-57630923246027768882009-11-05T17:43:07.319+05:302009-11-05T17:43:07.319+05:30पिंजरा चाहे सोने का हो, चाँदी का या फिर सींकों का-...पिंजरा चाहे सोने का हो, चाँदी का या फिर सींकों का- होता पिंजरा ही है. गुलामी किसी की भी मंजूर नहीं. आज जो राज कर रहे हैं वे भी अंगरेज से कम हैं क्या? और जहाँ तक बात हिन्दू होने की है तो उसका भी कोई पता नहीं. दादा (फिरोज) मुसलमान, माँ इसाई, दादी के पिता पंडित(???).निशाचरhttps://www.blogger.com/profile/17104308070205816400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-80724841179514295062009-11-05T16:00:32.294+05:302009-11-05T16:00:32.294+05:30जबरदस्त!
वैसे अगर मुझे गुलामी चुननी हो तो मुगलिया ...जबरदस्त!<br />वैसे अगर मुझे गुलामी चुननी हो तो मुगलिया की बजाय फिरंगी चुनूंगा!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-46310902519140337352009-11-05T14:24:39.213+05:302009-11-05T14:24:39.213+05:30shirshk!!! shat % sahishirshk!!! shat % sahiSaleem Khanhttps://www.blogger.com/profile/17648419971993797862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-78305426129959406462009-11-05T08:15:37.472+05:302009-11-05T08:15:37.472+05:30औरंगजेब के ज़माने में तो बहुतों ने जजिया दिया, बहा...औरंगजेब के ज़माने में तो बहुतों ने जजिया दिया, बहादुर शाह ज़फर के ज़माने में जजिया देने वाले अकेले चच्चा ही रहे होंगे.Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-63977696657109084432009-11-05T01:11:54.761+05:302009-11-05T01:11:54.761+05:30ये लो..एक और दिशा..ये लो..एक और दिशा..Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-18279950214313793832009-11-04T22:44:48.910+05:302009-11-04T22:44:48.910+05:30baat to thik he.. par raaaj dene me 200 saal laaga...baat to thik he.. par raaaj dene me 200 saal laagaa diye..रंजनhttp://aadityaranjan.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-34489885526545850422009-11-04T22:43:40.402+05:302009-11-04T22:43:40.402+05:30बात तो कांटेदार है।बात तो कांटेदार है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.com