tag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post3908459718838867622..comments2023-07-28T18:44:10.707+05:30Comments on Darvaar दरबार: भूल गए रास रंग भूल गए हेकडी याद रह गए सिर्फ तीन ब्लॉग ,पोस्ट ,टिपण्णीdhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह }http://www.blogger.com/profile/06395171177281547201noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-77056056195899656532008-12-15T16:46:00.000+05:302008-12-15T16:46:00.000+05:30किसी सयाने आदमी ने कहा किसी से दुश्मनी निकालनी हो ...किसी सयाने आदमी ने कहा किसी से दुश्मनी निकालनी हो तो उसे चुनाव लङवादो,घर मे एक घोङी बंधवादो,शराबी बनादो या फ़िर बलोगिन्ग सिखा दो । इस रोग का कोइ एन्टी वेक्सिन अभी तक नही बना हैnaresh singhhttps://www.blogger.com/profile/16460492291809743569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-8348962688426810472008-12-14T01:32:00.000+05:302008-12-14T01:32:00.000+05:30ha..ha..ha..ha.. mja aa gayaa.. sach....bahut hi.....ha..ha..ha..ha.. mja aa gayaa.. sach....bahut hi...!!राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ )https://www.blogger.com/profile/07142399482899589367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-89551019783663464222008-12-13T00:04:00.000+05:302008-12-13T00:04:00.000+05:30मेरी हालत बता रहे हैं या अपनी :)मेरी हालत बता रहे हैं या अपनी :)विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/06891135463037587961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-16756677538241348262008-12-12T22:40:00.000+05:302008-12-12T22:40:00.000+05:30धीरु भाई,मै हमेशा कहता हुं कि मै किसी आदत का गुलाम...धीरु भाई,मै हमेशा कहता हुं कि मै किसी आदत का गुलाम नही..... लगता है मै झुठ बोल रहा था, अब पता नही यह बांल्ग आदत है या बिमारी.... लेकिन हम सब है पागल... क्योकि इस से मिलता तो कुछ नही.... लेकिन जेसे कुत्ते के मुहं मे हड्डी लग जाये ... तो वो बहुत खुश रहता है किसी गलत फ़मी मै, वोही हाल हम सब का है....<BR/>अगर किसी से दुशमनी निकालनी हो तो उसे बांलगर बना दो.<BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-54317972824066761352008-12-12T21:54:00.000+05:302008-12-12T21:54:00.000+05:30ऑनेस्ट इन रियल सेंस...ऑनेस्ट इन रियल सेंस...सुप्रतिम बनर्जीhttps://www.blogger.com/profile/16272872839681422930noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-51839723570639205232008-12-12T20:36:00.000+05:302008-12-12T20:36:00.000+05:30क्या लिखे क्या न लिखे इसी दुविधा मे मस्तिष्क के ता...<B>क्या लिखे क्या न लिखे इसी दुविधा मे मस्तिष्क के तार आपस मे उलझते रहते है । यह मुगलाता पाल लिया है कि लोग उम्मीद मे बैठे है हम कब लिखे और वह कब पढ़े ।</B><BR/>-------------<BR/>हर चिठेरा इस उहापोह से गुजरता है। वह न लिखे तो कल क्या होगा दुनियां का! <BR/>बढ़िया लिखा जी!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-39441797263423854762008-12-12T19:34:00.000+05:302008-12-12T19:34:00.000+05:30भई, कमेंट की कमेंटरी बहुत दूर तक चली गई\ आ गए ना ह...भई, कमेंट की कमेंटरी बहुत दूर तक चली गई\ आ गए ना हम भी आपके ‘प्यारे लोगों’ में। लिखते-लिखाते, बढते-बढाते, ठेलते-ठेलाते मस्त-बिंदास रहिए। अच्छी पोस्ट को पालते-पोस्ते रहने के लिए बधाई।चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-66054422761769151762008-12-12T18:50:00.000+05:302008-12-12T18:50:00.000+05:30धीरु जी,आपकी साफगोई सदा दिल को छूती है। यह जो हम स...धीरु जी,<BR/>आपकी साफगोई सदा दिल को छूती है। यह जो हम सब 'बिन देखे अपनों' का परिवार है, उसमें सदा आत्मियता बनी रहे। यही कामना है।गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-66330176672032698862008-12-12T16:59:00.000+05:302008-12-12T16:59:00.000+05:30चिंता की कोई बात नहीं है धीरू भाई, इस बीमारी के मर...चिंता की कोई बात नहीं है धीरू भाई, इस बीमारी के मरीज बढ़ते ही जा रहे हैं, बल्कि यह तो छूत की तरह फ़ैल रही है, जल्दी ही "हिन्दी ब्लॉगिंग" नाम की महामारी हो जायेगी, फ़िर इसके लिये भी एकाध NGO खुलेगा और सरकार से अनुदान लेगा… हम भी इसी बीमारी के शिकार हैं, आप भी हो गये अच्छी बात है…Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-20080751879354231912008-12-12T16:21:00.000+05:302008-12-12T16:21:00.000+05:30बढ़िया लिखते है जी आप ..लिखते रहेबढ़िया लिखते है जी आप ..लिखते रहेरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-5559158839144336082008-12-12T16:19:00.000+05:302008-12-12T16:19:00.000+05:30धीरूभाई अच्छा लिखा है और आपकी एक बात और अच्छी लग...धीरूभाई अच्छा लिखा है और आपकी एक बात और अच्छी लगी कि आपने ब्लाग जगत को परिवार बोला<BR/> धन्यवादमोहन वशिष्ठ https://www.blogger.com/profile/00939783274989234267noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-67976673399669186162008-12-12T12:15:00.000+05:302008-12-12T12:15:00.000+05:30धीरू जी ....हमने तब भी कहा था अब भी कहते है....".ज...धीरू जी ....हमने तब भी कहा था अब भी कहते है....".जो अच्छा लगे उसे पढ़ते है......बाकी सब कहानी है.."..ओर आप भी अच्छे लगते है ......ओर हाँ ये अच्छे ओर काबिल लोगो का जो बोरा आपने सुबह सुबह हमारे आँगन में फेंका है .उसे उठवाने के लिए किसी को भिजवाये ....इतना वजनी है की गड्डा हो गया है....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-502407897554985652008-12-12T12:09:00.000+05:302008-12-12T12:09:00.000+05:30सुंदर लेख!सुंदर लेख!Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-12245679845358215762008-12-12T11:06:00.000+05:302008-12-12T11:06:00.000+05:30अरे उड़न तस्तरी जी बीमारी और वर्ड भले ही सेम हों पर...अरे उड़न तस्तरी जी बीमारी और वर्ड भले ही सेम हों पर हल चाल पूछने वाले तो कम जियादा हो जाते हों न <BR/>चढा उतरी नही होगी?roushanhttps://www.blogger.com/profile/18259460415716394368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-38171350368457929652008-12-12T10:54:00.000+05:302008-12-12T10:54:00.000+05:30हमें भी आप जैसे प्रतिस्पर्धी से डर लग रहा है. :)हमें भी आप जैसे प्रतिस्पर्धी से डर लग रहा है. :)संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-25948104857042123852008-12-12T10:40:00.000+05:302008-12-12T10:40:00.000+05:30बहुत सुंदर लिखा धीरू भाई!. समीरलाल (ऊडन तश्तरी) जी...बहुत सुंदर लिखा धीरू भाई!. समीरलाल (ऊडन तश्तरी) जी ने बड़ी अच्छी बात कही है. जब सब एक से हैं तो फिर प्रतिद्वंदी कौन? आभार.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-37290798295421012042008-12-12T09:56:00.000+05:302008-12-12T09:56:00.000+05:30क्योकि दिल के अरमान ,विचार दिल मे न रह कर शब्द का ...क्योकि दिल के अरमान ,विचार दिल मे न रह कर शब्द का आकार लेकर उन लोगो के सामने होते है जो कद्र करते है दुसरो की भावनाओं की ।<BR/>" wah. what a positive and appreciable thoughts.."<BR/><BR/>Regardsseema guptahttps://www.blogger.com/profile/02590396195009950310noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-76493591417480774522008-12-12T09:39:00.000+05:302008-12-12T09:39:00.000+05:30गाड़ी सही ट्रैक पर जा रही है। बहुत जल्द आप भी समझिए...गाड़ी सही ट्रैक पर जा रही है। बहुत जल्द आप भी समझिए कि छाने वालों में शुमार होने जा रहे हैं बन्धु। अग्रिम शुभकामनाएँ। <BR/><BR/>गाय का सूतक पूरा हो जाए तो छक कर सोइए एक दिन, क्योंकि एक एक कर ब्लॊगर्ज़ अनिद्रा का शिकार होते जा रहे हैं। इस अनिद्रा रोग का ईलाज बहुत जरूरी जान पड़ता है, ब्लॊग-जगत् व उनके हित में.Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-76487233470052393632008-12-12T09:06:00.000+05:302008-12-12T09:06:00.000+05:30हाँ यह धूमकेतु दिखा है सहसा ! शुभकामनाएं !हाँ यह धूमकेतु दिखा है सहसा ! शुभकामनाएं !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-44764391229474539782008-12-12T05:52:00.000+05:302008-12-12T05:52:00.000+05:30प्रतिद्वंदी न मानो, साथी. सेम वार्ड में सेम बीमारी...प्रतिद्वंदी न मानो, साथी. सेम वार्ड में सेम बीमारी से ग्रसित बीमार ही मानो..लाइलाज बीमारी के मरीज का दूसरा मरीज ही सहारा होता है. :)<BR/><BR/>सही है, लगे रहिये.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-4396693480243584572008-12-12T02:20:00.000+05:302008-12-12T02:20:00.000+05:30वैसे मुकाबले में कुछ स्त्रियाँ भी हैं, भूल गए क्या...वैसे मुकाबले में कुछ स्त्रियाँ भी हैं, भूल गए क्या ?<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-68310999798734347562008-12-12T02:19:00.000+05:302008-12-12T02:19:00.000+05:30बढ़िया लिख रहे हैं । सिर दर्द हो तो नदी में से एक ग...बढ़िया लिख रहे हैं । सिर दर्द हो तो नदी में से एक गिलास दूध भरकर पी लीजिए, बिल्कुल ठीक हो जाएगा । भैंस व गाय को हमारी बधाई ।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-48083839735002696582008-12-12T00:55:00.000+05:302008-12-12T00:55:00.000+05:30क्या बात है? क्या बात है? क्या जलवे हैं। अरे भैया ...क्या बात है? क्या बात है? क्या जलवे हैं। अरे भैया धीरू, लिखे रहो। ये फ़ुरसतिया-उरसतिया कौन चीज हैं तुम्हरे आगे। सब पानी भरके पियेंगे खुदै। सेल्फ़सर्विस का जमाना है न! <BR/><BR/>मजेदार पोस्ट! लिखते रहें। मस्त ,बिंदास।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-86466533105414779062008-12-11T23:52:00.000+05:302008-12-11T23:52:00.000+05:30"सर दर्द चिटठा? इस नाम का भी कोई चिट्ठा लिखते हैं ..."सर दर्द चिटठा? <BR/>इस नाम का भी कोई चिट्ठा लिखते हैं क्या आप ? उसका पता क्यों नहीं देते? <BR/><BR/>धन्यवाद इस प्रविष्टि के लिये.Himanshu Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/04358550521780797645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2308429141619302170.post-72833544791402997422008-12-11T23:22:00.000+05:302008-12-11T23:22:00.000+05:30आप जैसे प्यारे लोगो का साथ ऐसा लगता है जैसे एक परि...आप जैसे प्यारे लोगो का साथ ऐसा लगता है जैसे एक परिवार मिल गया अपना सा । <BR/>ये आखिरी लाइन सबको पीछे छोड़ने के लिए काफी है ... बहोत ही बढ़िया किया दिल की बात को शब्दों में ढल दिया ... अच्छी बात है दिल हल्का हो गया .... बधाई आपको. साहब...<BR/><BR/>अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.com